सोमवार, 10 मार्च 2014

India requires Social & Religious Harmony...

दर्शनशास्त्र एक ऐसा विषय है जो सब धर्म को एक सूत्र में बांधता है। टेम्पल ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग के झारखण्ड एवं बिहार चैप्टर के सेक्रेटरी जो पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार भी रह चुके हैं श्री एम. टी. खान ने रांची विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र विभाग में व्याख्यान देते हुए बहुत ही शालीनता से कहा कि आज सभी धर्मो को एक मंच पर लाकर सभी समुदायों के बीच सामाजिक एकता को स्थापित करने की जरूरत है तब ही हमारा देश तरक्की करेगा।  आज सोशल हारमनी की नितांत जरुरत है।  
हम भूमंडलीकरण के दौर में तीन तत्वों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और वो है एल.पी.जी. (LPG) यानि (Liberalization, Privatization, Globalization) ये तीनो पूरी दुनिया को मार्केट में बदल कर रख दिया है। इन्ही तीनो की वजह से आदमी, आदमी हो कर रह गया है इंसान नहीं बन पा रहा है। हमारे सोशल हारमनी को यह डिस्टर्ब कर दिया है। आज सभी धर्म के लोग अपने अपने तरीकों से ईश्वर की पूजा प्रार्थना करते हैं।  ईश्वर इनके दिलों की बात क्यों नहीं पूरी करता है क्योंकि वह भी जनता है कि इन सब के दिलों में हारमनी नहीं है। इसलिए आज सबसे ज्यादा सामाजिक और धार्मिक हारमनी कि ही जरूरत है तब ही भारत उन्नत होगा और यहाँ सामाजिक सदभाव बन पायेगा।