मंगलवार, 10 मार्च 2009

होली की हिन्दी...

इसब्लॉग केपाठ कोंको हो लीकी शु भकामनायें । आ पखू बपु आपू ड़ी खा ये । अप नेदो स्तों केसा थखू बरंग गुला लखे लें। ब च्चोंको खू बमीठा ईऔ रप्या रदुला रभीदें । हो लीमें भं गपी ले नेपर ही न्दीइ सीत रह लिखार हा हैहम क्याकरें ?
अग रआ पभी थो ड़ीसी भं गपी लें तोइसे ठी कसेप ढपा एंगे। ज बहम दो नोही भं गके नशेमे रहें गे तभीआ पमुझे स मझपा एंगे औ रमैं आपको ...... मेराख याल हैकि आ पमेरी बा तोंको अ च्छी तर हसम झरहे होंगे । आ पको एकबा रफिर सेहो लीकी शु भकामना देनाठी करहेगा.... हो लीमु बारक हो.... क्याआ पहम कोभी हो लीमु बारक बो लेंगे ? बो लिये न ....
- सु शीलअ कंन -